भोपालपटनम में निर्माण कार्यों पर उठे सवाल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की गुणवत्ता पर गंभीर आरोप

भोपालपटनम। नगर पंचायत भोपालपटनम एक बार फिर सवालों के घेरे में है। पहले तालाब निर्माण और सांस्कृतिक भवन के सामने अधूरे सीसी सड़क-नाली कार्य को लेकर विवादों में रहा पंचायत अब हाई स्कूल के सामने बने व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स को लेकर घिर गया है।
कॉम्प्लेक्स निर्माण में गंभीर निर्माण दोष और गुणवत्ता में भारी कमी के आरोप लगे हैं। नगर पंचायत द्वारा बनाए गए 17 शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में से केवल 2 दुकानों को नीलामी के माध्यम से आबंटित किया गया, जिनमें से एक लाभार्थी दुर्गाराव ने बताया कि ₹5.10 लाख की राशि जमा करने के बावजूद अब तक न तो एग्रीमेंट हुआ, न दस्तावेज सौंपे गए।
कॉम्प्लेक्स की हालत खस्ता – दीवारों में दरारें, स्लैब से पानी टपकता है, और बेस धंसने लगा है। आसपास की जमीन में गड्ढे बन गए हैं, जिससे भवन की नींव पर खतरा मंडरा रहा है।
बिना बीम के की गई ईंटों की जोड़ाई
सूत्रों के अनुसार, निर्माण में बिना बीम के ईंटों की जोड़ाई की गई है, जो तकनीकी रूप से घातक लापरवाही मानी जा रही है। इससे न सिर्फ भवन की मजबूती पर सवाल उठे हैं, बल्कि दुकानदारों की सुरक्षा भी खतरे में है। करीब 5 वर्ष पहले बने इन भवनों में 15 कॉम्प्लेक्स आज भी ठेकेदार दीनू केला द्वारा पंचायत को हैंडओवर नहीं किए गए हैं।
ठेकेदार को लेकर मेहरबानी के आरोप
पूर्व में निविदा प्रक्रिया को गोपनीय तरीके से ठेकेदार दीनू केला को सौंपा गया, जिससे अन्य ठेकेदारों में रोष फैल गया था। विरोध के बाद टेंडर निरस्त भी हुआ, लेकिन सूत्रों के अनुसार वही ठेका दोबारा उसी ठेकेदार को “सेटिंग” के जरिए दिया गया।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
लगातार निर्माण घोटालों के खुलासे और नगर पंचायत की चुप्पी ने प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि जानबूझकर एक ठेकेदार को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
यह मामला केवल वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि जन-सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा बन गया है। जरूरत है कि उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
सीएमओ
> “मामला मेरे संज्ञान में आया है। यह कार्य मेरे कार्यकाल का नहीं है, लेकिन मैं जिम्मेदारों से जानकारी लेकर मरम्मत जरूर कराऊंगा।”
– विकास पाटले, CMO, नगर पंचायत भोपालपटनम