“तेल से तापमान बढ़ा!” ट्रंप बोले– भारत ने रूस से तेल लेना छोड़ो
क्या रिश्तों पर पड़ेगा असर?

- ट्रंप की धमकी: “रूस से तेल लिया तो 100% टैक्स लगेगा
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर चर्चा में हैं—और इस बार वजह है भारत को लेकर दिया गया उनका एक बड़बोलापन भरा बयान। ट्रंप ने कहा कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और इसे उन्होंने “अच्छा कदम” बताया। लेकिन खास बात यह कि उन्होंने ये दावा किसी आधिकारिक रिपोर्ट पर नहीं, बल्कि “सुनने” पर किया।
ट्रंप ने यह बयान उस वक्त दिया जब वे न्यू जर्सी स्थित अपने गोल्फ क्लब रवाना हो रहे थे। उन्होंने मीडिया से कहा:
“मुझे जानकारी मिली है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक अच्छा कदम है। देखते हैं आगे क्या होता है।”
पृष्ठभूमि में क्या चल रहा है?
ट्रंप इससे पहले भारत पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी भी दे चुके हैं, यह कहते हुए कि रूस से सैन्य और तेल आयात अमेरिका के हितों के खिलाफ है।
वहीं रॉयटर्स की रिपोर्ट बताती है कि भारत की बड़ी सरकारी तेल कंपनियों ने जुलाई के बाद से रूसी तेल की खरीद में भारी कटौती की है। छूट घटने के बाद ये कंपनियाँ अबू धाबी और पश्चिम अफ्रीका से कच्चा तेल खरीद रही हैं।
भारत का जवाब– सधा हुआ, सटीक
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देने के बजाय शांत और संतुलित जवाब दिया। प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा:
“भारत अपनी ऊर्जा जरूरतें वैश्विक बाजार और परिस्थितियों को देखकर तय करता है। हमारी प्राथमिकता घरेलू ऊर्जा सुरक्षा है, न कि पक्ष लेना।”
क्या रिश्तों पर पड़ेगा असर?
पोल में शामिल हुए 120 लोग, जिनमें से:
- 46% ने कहा – हां, नकारात्मक असर पड़ेगा
- 24% ने कहा – नहीं पड़ेगा कोई असर
- बाकी असमंजस में हैं
निचोड़:
भारत ने दुनिया को एक बार फिर यह दिखा दिया कि वह अंतरराष्ट्रीय दबावों से नहीं, बल्कि अपनी ज़रूरतों और हितों से चलता है। ट्रंप के ‘गर्म’ बयान पर भारत ने ‘शीत’ प्रतिक्रिया देकर राजनयिक मैच में एक अंक जरूर हासिल कर लिया।