बस्तर

सुकमा की व्यवस्था नहीं, ज़िंदगी डगमगा रही है!

47 ग्रामीण, 80 किलोमीटर सफर, 400 रुपये किराया प्रति व्यक्ति देकर आए आधार अपडेट कराने

सुकमा //जसराज जैन (रक्तमित्र )//🚶‍♂️ 47 ग्रामीण, 80 किलोमीटर सफर,
💸 400 रुपये किराया प्रति व्यक्ति देकर आए आधार अपडेट कराने।
और बदले में — *भूखे-प्यासे घंटों इंतजार और तंगहाली!*

👁 कलेक्टोरेट परिसर में अधिकारी मौजूद, लेकिन सेवा की ज़मीन पर कोई परवाह नहीं।
👉 सवाल यह नहीं कि लोग आए क्यों, बल्कि इतनी दूर आने की मजबूरी क्यों पड़ी?

📸 प्रशासन कहता है — “हम शिविर लगाते हैं”,
पर हकीकत यह है कि सिस्टम अब जनता के पीछे भाग रहा है, जनता सिस्टम के पीछे नहीं

🚨 क्या यह प्रशासनिक लापरवाही है या संवेदनहीनता?
⚖️ जब गरीब ग्रामीण 400 रुपये खर्च कर भी अपमानित महसूस करें, तो जिम्मेदार कौन?

🗣️ हम पूछते हैं:
1️⃣ क्या दूर-दराज़ गांवों में स्थायी आधार सेवा केंद्र स्थापित करना मुश्किल है?
2️⃣ क्या पंचायत भवनों में महीने में कम से कम एक बार आधार शिविर लगाना संभव नहीं?
3️⃣ जब गरीब आदमी “डिजिटल इंडिया” के नाम पर 400 रुपये खर्च करे, तो यह सरकार की क्या छवि बनती है?

📢 यह केवल आधार अपडेट की समस्या नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की विफलता है।
जो जनता को बुनियादी सेवाएं देने में नाकाम है।

📌 हमारी मांगें:
✔️ हर पंचायत में नियमित आधार एवं वोटर ID सेवा शिविर
✔️ गरीब ग्रामीणों के लिए निःशुल्क परिवहन व्यवस्था
✔️ अवैध वसूली करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

✍️ ये सवाल सिर्फ अधिकारी और नेता ही नहीं, हर नागरिक के लिए हैं।
*“जहाँ अधिकार नहीं पहुँचते, वहाँ आक्रोश पनपता है।”*

🙏 यह आवाज़ है उन सबकी, जो अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

*📲 जुड़िए, जागरूक बनिए, और बदलाव की शक्ति बनिए।*
👉 Jasraj Jain ‘Raktmitra’

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