
जगदलपुर |
धरमपुरा स्थित पीएम श्री नवोदय विद्यालय एक बार पुनः विवादों के केंद्र में है। कुछ दिनों पूर्व विद्यालय परिसर में बिजली गुल होने के कारण शोर मचाने पर आधे दर्जन से अधिक छात्रों की पिटाई की गई। यह घटना मीडिया में उछलते ही जनचेतना का विषय बन गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए नेशनल ह्यूमन राइट्स क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (एनएचआरसीसीबी) के राष्ट्रीय एवं प्रदेश पदाधिकारियों ने तत्काल संज्ञान लिया तथा बस्तर इकाई की जांच टीम को विद्यालय भेजा।
जांच के दौरान टीम ने प्रभावित छात्रों, विद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षकों से विस्तृत बातचीत की। जांच उपरांत टीम ने विद्यालय में निम्नलिखित गंभीर खामियाँ पाईं –
- पॉक्सो शिकायत पेटी (POCSO Box) का न होना।
- शिक्षकों द्वारा छात्रों के प्रति अनुचित व्यवहार एवं शोषण।
- छात्रों को निरंतर दी जा रही धमकियाँ।
- विशेष शिक्षक या परामर्शदाता की अनुपस्थिति।
- तनाव प्रबंधन हेतु किसी प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध नहीं।
इन सभी बिंदुओं पर विद्यालय प्राचार्य द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया।
जांच के समय जिला शिक्षा अधिकारी श्री बलीराम बघेल भी उपस्थित रहे। एनएचआरसीसीबी की टीम ने जिला प्रशासन को सभी आवासीय विद्यालयों में औचक निरीक्षण करने का सुझाव दिया है, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यह स्मरणीय है कि इसी विद्यालय में पूर्व में दूषित भोजन सेवन से लगभग 28 बच्चे बीमार पड़ चुके हैं, परंतु आज तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उस समय दोषियों पर क्या कार्रवाई हुई और शिक्षा विभाग द्वारा क्या कदम उठाए गए।
बड़ा प्रश्न यह भी है कि छात्र संगठनों एवं बाल अधिकार मंचों की ओर से अब तक कोई प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई?
एनएचआरसीसीबी की बस्तर इकाई ने विद्यालय प्रशासन को निर्देशित किया है कि वे बच्चों के अधिकारों की रक्षा करते हुए एक सुरक्षित, समरस और भयमुक्त शिक्षण वातावरण सुनिश्चित करें।
जिला शिक्षा अधिकारी ने भी आश्वासन दिया है कि बस्तर अंचल के अन्य सभी आवासीय विद्यालयों की शीघ्र ही जांच की जाएगी।
अब अपेक्षा की जा रही है कि इस विद्यालय में सुधारात्मक कदम उठाए जाएँगे और भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोहराई नहीं जाएँगी।
स्रोत – मोर माटी / न्यूज इंडिया लाइव