
देश के कई हिस्सों में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान और पूर्वोत्तर से लेकर दक्षिण तक, लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना समेत दर्जनभर राज्यों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि आने वाले कुछ दिनों तक बारिश से राहत मिलने के आसार कम हैं।
पहाड़ों से मैदान तक तबाही
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के कारण नदियाँ और नाले उफान पर हैं। कई जगह भूस्खलन की वजह से सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। अमरनाथ यात्रा और वैष्णोदेवी जाने वाले रास्तों पर भी सुरक्षा के लिहाज़ से अलर्ट जारी किया गया है।
पंजाब और हरियाणा में बरसात के चलते खेतों में पानी भर गया है। धान और सब्ज़ियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। कई गाँवों में मकान ढहने और दीवार गिरने की घटनाएँ भी सामने आई हैं।
पूर्वोत्तर की बाढ़ से हाहाकार
असम और मेघालय में लगातार बारिश से हालात बेहद गंभीर हैं। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हजारों लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर जाने को मजबूर हैं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं।
ओडिशा-झारखंड में नदियाँ उफान पर
ओडिशा और झारखंड के कई जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। कोयला खदानों और उद्योग क्षेत्रों में भी कामकाज प्रभावित हो रहा है।
दक्षिण भारत में भी आफत की बारिश
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की वजह से तालाब और डैम भर गए हैं। हैदराबाद में सड़कों पर पानी भर गया है और यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ग्रामीण इलाकों में बिजली और संचार व्यवस्था भी ठप हो गई है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले एक हफ्ते तक कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगातार नमी आ रही है, जिसके कारण बरसात का दौर तेज़ बना रहेगा।
जनजीवन पर असर
- लाखों लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे हैं।
- सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित हुआ है।
- फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
- राहत और बचाव दल लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन पानी कम न होने से मुश्किलें बरकरार हैं।




