
उत्तरकाशी (मोर माटी): उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की हर्षिल घाटी में बादल फटने की भयावह घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया है। धराली गांव और आसपास के इलाकों में भारी तबाही मची है। खीर गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ से धराली में 4 स्थानीय लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगों में कई मजदूर और सेना के जवान भी शामिल हैं।
आपदा में 15 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं और 6 से 7 दुकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, सेना के कैंप भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिससे सुरक्षा तंत्र को भी नुकसान हुआ है।
आईटीबीपी ने 80 लोगों का किया रेस्क्यू:
इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) ने तेजी से राहत और बचाव कार्य शुरू करते हुए 80 स्थानीय लोगों को कोपांग के राहत शिविर में सुरक्षित पहुंचाया है। राहत शिविर में आईटीबीपी के डॉक्टरों द्वारा स्वास्थ्य जांच की जा रही है और लोगों को प्राथमिक उपचार मुहैया कराया जा रहा है।
राहत कार्य में लगेंगे चार हेलीकॉप्टर:
आपदा राहत कार्य को तेज करने के लिए प्रशासन द्वारा चार हेलीकॉप्टर तैनात किए जा रहे हैं। इनमें से एक हेलीकॉप्टर आपदा प्रबंधन विभाग का है, जबकि तीन अन्य हेलीकॉप्टर के लिए निजी कंपनियों से बातचीत की गई है।
हेलीपैड डूबा, मोबाइल नेटवर्क ठप:
हर्षिल में बना हेलीपैड भी बाढ़ के पानी में डूब गया है और धराली में मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे संचार में भारी दिक्कतें सामने आ रही हैं।
भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ा, अलर्ट पर लोग:
बादल फटने की घटना के बाद भागीरथी नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं।
पांच जिलों में भारी बारिश का अलर्ट:
मौसम विभाग और NDMA ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले 24 घंटों में उत्तराखंड के पांच जिलों – देहरादून, पौड़ी, टिहरी, चंपावत और बागेश्वर – में भारी बारिश हो सकती है। इन क्षेत्रों में प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है।
यह आपदा उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में मौसमी अनिश्चितताओं और पर्यावरणीय असंतुलन की गंभीर चेतावनी है, जिससे निपटने के लिए तत्परता और सतर्कता बेहद ज़रूरी है।




