Ramdiri Book : राजनीति में दो ऐसे नेता, जो बदल सकते थे गाँव का भविष्य — लेकिन नहीं मिला पर्याप्त जनसमर्थन

रामदीरी गाँव की राजनीति में दो ऐसे नेता उभरे, जिनकी सोच और विज़न में वह ताकत थी, जो गाँव को आत्मनिर्भर और विकासशील बना सकती थी। ये नेता सिर्फ जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि गाँव के भविष्य को लेकर ठोस योजना और गहरी समझ रखने वाले थे।
इनमें एक हैं रामनगर निवासी देवेंद्र प्रसाद सिंह और दूसरे नकटी निवासी शम्भु कुमार सिंह। इन्होंने गाँव के लिए सिर्फ बात नहीं की, बल्कि विकास के उन मॉडल्स की कल्पना की, जिनकी ज़रूरत दशकों से महसूस की जा रही है।
चाहे अस्मृति द्वार हो, विवाह भवन, स्वास्थ्य केंद्र, कॉलेज या ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार योजना— इनकी प्लानिंग ग्रामीण समाज को एक नई दिशा देने वाली थी। इनकी सोच सिर्फ वर्तमान नहीं, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को लेकर भी थी।
लेकिन अफसोस की बात यह रही कि इन्हें वह जनसमर्थन नहीं मिला, जिसकी ऐसी दूरदृष्टि वाले नेतृत्व को ज़रूरत होती है।
राजनीति में लोकप्रियता अक्सर तात्कालिक लाभ और भावनात्मक नारों पर आधारित होती है, और कई बार दीर्घकालिक विकास की योजनाएँ लोगों की समझ और प्राथमिकताओं से दूर रह जाती हैं।
गाँव के लिए यह एक चूक थी।
अगर आज यह दोनों नेता निर्णायक भूमिका में होते, तो रामदीरी का चेहरा शायद कुछ और होता— बेहतर, विकसित और आत्मनिर्भर।