रामदीरी दर्शन

PM SHRI योजना की चमक, लेकिन रामदीरी हाई स्कूल अंधेरे में

सुझाव और मांग

 रामदीरी..जहाँ एक ओर केंद्र सरकार शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से PM SHRI (प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) योजना की जोर-शोर से सराहना कर रही है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश कर रही है। इसका जीवंत उदाहरण है – बिहार बेगूसराय जिले में स्थित रामदीरी हाई स्कूल, जिसकी दशा देखकर योजना की चमक फीकी पड़ जाती है।

PM SHRI की घोषणा

PM SHRI योजना के तहत देशभर के सरकारी स्कूलों को आधुनिक रूप से विकसित किया जाना है। इसमें स्मार्ट क्लासरूम, विज्ञान प्रयोगशाला, डिजिटल शिक्षा, खेलकूद और स्वच्छता जैसी सुविधाएँ अनिवार्य मानी जा रही हैं। सरकार का दावा है कि इससे सरकारी स्कूलों की साख बढ़ेगी और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।

लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह योजना हर जरूरतमंद स्कूल तक पहुँचेगी?

रामदीरी हाई स्कूल की वास्तविक स्थिति

रामदीरी हाई स्कूल की वर्तमान स्थिति सरकार की तमाम घोषणाओं के विपरीत है:

  • स्कूल की भवन जर्जर अवस्था में है, छत से बरसात का पानी टपकता है।
  • शौचालय की व्यवस्था बेहद खराब है, खासकर छात्राओं के लिए।
  • शुद्ध पेयजल की सुविधा नहीं है, बच्चे खुले बोरिंग या हैंडपंप का पानी पीने को मजबूर हैं।
  • विषय शिक्षकों की भारी कमी है – विज्ञान, गणित, और अंग्रेज़ी जैसे विषयों की पढ़ाई अधूरी रह जाती है।
  • डिजिटल क्लास, लैब और लाइब्रेरी जैसी कोई सुविधा मौजूद नहीं है।

ग्रामवासियों की पीड़ा और सवाल

गांव के अभिभावकों और युवाओं में यह सवाल गहराता जा रहा है कि अगर PM SHRI योजना वास्तव में सरकारी स्कूलों को उन्नत करने के लिए है, तो रामदीरी जैसे ज़रूरतमंद स्कूल इससे क्यों वंचित हैं?
गांव वालों का कहना है कि हमारे बच्चे भी प्रतिभाशाली हैं और सपना देखते हैं – डॉक्टर, इंजीनियर या अधिकारी बनने का। लेकिन जब स्कूल की हालत ही बुनियादी नहीं है, तो वे कैसे आगे बढ़ेंगे?

सुझाव और मांग


  • रामदीरी हाई स्कूल को PM SHRI योजना में शामिल किया गया हैं तो सारी व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए ।
  • स्कूल के भवन की मरम्मत, शिक्षक नियुक्ति और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था हो।
  • पंचायत, जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन स्थिति का तुरंत संज्ञान लें।
  •  स्कूल के प्रांगण में गांजा पीने वालों पर रोक लगाया जाए
  •  बच्चों को जमीन पर बैठकर नहीं पढ़ाया जाए
  •  विद्यालय में व्यवस्था नहीं है तो पहले व्यवस्था बना ले फिर बच्चों को पढ़ने के लिए विद्यालय बुलाया जाए

 सरकारी योजना कुछ भी हो, ग्राम के विद्यालयों की व्यवस्था ग्राम वासियों के हाथ में होनी चाहिए, ग्रामीण को ही देखरेख करनी होगी और कुछ कमी पाए जाने पर एकजुट होकर गिरी हुई व्यवस्था ठीक करनी होगी.

रामदीरी हाई स्कूल आज बदलाव की राह देख रहा है, और उम्मीद करता है कि सरकार की योजनाएं सिर्फ कागज़ पर नहीं, ज़मीन पर भी उतरें

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