Health and Extensionबस्तर की ग्रामीण महिलाएँ अब पशुपालन के क्षेत्र में बदलाव की अगुआ बनेंगी
बस्तर में A-HELP प्रशिक्षण का सफल समापन

बस्तर में A-HELP प्रशिक्षण का सफल समापन
जगदलपुर (मोर माटी):
बस्तर की ग्रामीण महिलाएँ अब पशुपालन के क्षेत्र में बदलाव की अगुआ बनेंगी। केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल A-HELP (Accredited Agent for Health and Extension of Livestock Production) योजना के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, बस्तर में 17 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका समापन 30 जुलाई को हुआ।
इस योजना का उद्देश्य न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि पशुधन स्वास्थ्य सेवाओं को गाँव-गाँव तक पहुँचाना भी है।
सीखा – समझा – करके दिखाया
इन 17 दिनों में बस्तर की 27 महिला पशुसखियों को सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि खेत और गौशालाओं में जाकर सिखाया गया कि कैसे पशुओं की देखभाल की जाती है।
- देउरगांव, कोहकापाल और कुरंदी गौशाला में प्रायोगिक कार्य
- टीकाकरण, पोषण, बीमारियों की पहचान और इलाज की प्रायोगिक जानकारी
- गाँव-गाँव घूमकर पशुपालकों से सीधे संवाद
नेतृत्व और सहयोग
प्रशिक्षण कार्यक्रम को दिशा दी बस्तर कलेक्टर श्री हरीश एस और जिला पंचायत सीईओ श्री प्रतीक जैन ने। समापन अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. संतोष नाग की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
मुख्य अतिथि डॉ. डी.के. नेताम (संयुक्त संचालक, पशु सेवाएँ, बस्तर) ने महिलाओं को इस प्रयास के लिए सराहना दी।
हर महिला बनी सफल
प्रशिक्षण के अंत में आयोजित मूल्यांकन परीक्षा में सभी प्रतिभागियों ने अच्छे अंकों से सफलता हासिल की। यह साबित करता है कि अब ये महिलाएँ अपने गाँव की पशुधन सेवा में बदलाव ला सकती हैं।
साथ थे कई विशेषज्ञ
कार्यक्रम में डॉ. राहुल साहू, श्री धर्मपाल केरकेट्टा, इंजी. कमल ध्रुव, श्री दुष्यंत पाण्डेय, पशुपालन विभाग से डॉ. आलोक भार्गव और डॉ. शेफाली मेश्राम की विशेष भूमिका रही।
नया संदेश – अब गाँवों की महिलाएँ सिर्फ गृहिणी नहीं, पशुधन की रखवाली और सेवा की सशक्त साथी बन रही हैं।